Companies Act 2013 का मुख्य कार्य भारत में निगमों और कंपनियों के कामकाज को नियंत्रित करना है। पहला Company act 1956 में पारित किया गया था

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साल 2013 में कंपनी अधिनियम 1956 में सरकार के द्वारा संशोधन किया गया और इस में एक नया अधिनियम जोड़ा गया जिसे आज हम Indian Companies act 2013 के नेम से जानते है

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company act 2013 को कुल 29 chapters में बनाया गया और इस अधिनियम में कुल 470 धाराएं और 7 अधिसूचियां है जबकि 1956 के अधिनियम में 26 अध्याय, 658 धाराएं और 15 अधिशुचियां थी

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Company act 2013 के द्वारा एक व्यक्ति कंपनी एक नया  शब्द शामिल किया गया जिसका मतलब है एक निजी सीमित कंपनी जिसमे केवल एक ही सदस्य हो

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इस अधिनियम ने निजी कंपनियों में सदस्यों की अधिकतम संख्या 200 कर दी है इस से पहले company act 1956 में यह संख्या केवल 50 सदस्यों तक ही सीमित थी

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यह अधिनियम कंपनी के गठन, कंपनी के कर्तव्यों, निदेशकों और कंपनी के समापन को नियंत्रित करता है मतलब यह किसी कंपनी को सुचारू रूप से चलने में बहुत मदद करता है

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इस नए 2013 अधियम ने राजनैतिक चंदा देने की 3 सालों के औसत profit 5 percentage की लिमिट को बढ़ाकर 75 percent कर दिया है

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साल 2020 में indian parliament ने इस कंपनी अधिनियम में संशोधन करने के साथ साथ विभिन्न crimes को कम करने के लिए और बिजनेस में सुगमता लाने के लिए कंपनी संशोधन bill 2020 पारित किया

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