अगर कोई व्यक्ति किसी से ज़बरदस्ती या भय से वसूली करता है 

या रंगदारी की मांग करता है तो आरोप सिद्ध होने पर उसको 

Section 384 IPC  के अनुसार सजा देने का प्रवधान है

जब किसी वयक्ति के ऊपर भय दिखा के जबर्दस्ती  वसूली  करने का आरोप सिद्ध हो जाता है

तो उस को धारा 384 के तहत 3 साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते है

Section 384 IPC के तहत सजा तभी हो सकती है जब वसूली या मांग का

कोई पुख्ता सबूत हो केवल पीड़ित के बयान से ही सजा नहीं हो सकती

यह एक गैर जमानती अपराध है जिस की जमानत नहीं है

इस में समझौते का भी कोई प्रवधान नहीं है