आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारे संविधान लागू होने के साथ ही Supreme court of india अस्तित्व में आया और 28 जनवरी 1950 को पहली बैठक हुई

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हमारे सविधान के भाग 5 के अनुच्छेद 124 से लेकर 147 supreme court के अधिकार, क्षेत्र, स्वतंत्रताओर संगठन से संबंधित है

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Supreme court of india का अधिकार मुख्य रूप से मौलिक अधिकार, सलाहकार अधिकार में बांटा  जा सकता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के और भी बहुत शक्तियां है

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सर्वोच्च न्यालय का मुख कार्य कानूनों को बनाना और उनका पालन करवाना है। सर्वोच्च न्यालय द्वारा घोषित कानून भारत के सभी न्यालयों को मानने पड़ते है

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सुप्रीम कोर्ट में टोटल 31 न्यायधीश है जिनमे से एक मुख्य और 30 अन्य जज होते है। 2019 के बिल में चार और जजों को बढ़ाया गया है

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supreme court के  जजों की न्युक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। राष्ट्रपति मुख्य जज की न्युक्ति के लिए अन्य न्याल्यों और सर्वोच्च न्यालय के अन्य जजों की सलाह ले सकते है

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सुप्रीम कोर्ट को सविधान के अनुसार संवैधानिक मामलों का निर्णय करने का अधिकार है सुप्रीम कोर्ट समाज में न्याय के लिए महत्वपूर्ण मामलों को सुनता है

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