386 ipc Extortion रंगदारी या फिरौती मांगने पर लगने वाली धारा है। जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को जान से मार देने या और कोई गंभीर चोट देने के भय से कोई वैल्युएबल वस्तु या फिरौती लेता है उस पर ये धारा 386 ipc लगती है और इसी धारा के अंतर्गत दोषी को सजा मिलती है। आज हम इस लेख के माध्यम से धारा 386 की सजा, अगर ये धारा लग जाए तो क्या बेल मिलेगी, क्या सजा होगी कुछ सावधानियां के बारे में जानेंगे।
386 ipc इन हिंदी/ 386 ipc in hindi
जब कोई व्यक्ति किसी को या उसके करीबी को मार देने या कोई गंभीर चोट (grievous hurt) पहुंचाने का भय दे कर कोई वैल्युएबल वस्तु कोई कागज या फिरौती लेता है इस केस में ये 386 ipc लगती है। इस धारा के अंदर आने वाले एक्ट बहुत ही संगीन अपराध है। यहां पर grievous hurt ऐसी चोट होती है जिस से आदमी को डिसेबिलिटी का सामना करना पड़ सकता है जैसे किसी की टांग तोड़ देना या आंख को क्षति पहुंचाना।
उदाहरण \ Example
मोहन की जमीन बिलकुल हाइवे के साथ लगती है जिस की कीमत बहुत ज्यादा हो रही थी तो वहां का एक लोकल बदमाश मोहन के सर पर बंदूक रख कर उस जमीन को जबरदस्ती मृत्यु का भय दिखा कर अपने नाम करवा लेता है। इस केस में आरोप सिद्ध हो जाने पर आरोपी को 386 ipc के अनुसार सजा मिलेगी।
example 2
जब कोई किसी को उसके शरीर के किसी अंग को फिरौती के लिए क्षति पहुंचा कर अपाहिज बना देता है या धमकी देता है। इस केस में भी 386 ipc के अनुसार आरोपी को से मिलेगी।
ये धारा तब लगती है जब आदमी ने मृत्यु या गंभीर चोट के भय से फिरौती या रंगदारी ले ली हो। मृत्यु या गंभीर चोट के अलावा कोई और भय दिखा कर फिरौती ली हो तो धारा 384 लगती है। और अगर फिरौती न ली हो और बस थोड़ा से डराया हो तो धारा 385 लगती है। और अगर मृत्यु या गंभीर चोट का केवल भय दिया हो और कुछ लिया न हो तो धारा 387 लगेगी
सज़ा\Punishment in 386 ipc
जब किसी पर धारा 386 का आरोप सिद्ध हो जाए तो उसको 10 साल की जेल या जुर्माना होता है। ये जज पर निर्भर करता है जज जेल या जुर्माना दोनो भी कर सकता है। धारा 386 तभी लगती है जब मृत्यु या किसी गंभीर चोट का पुख्ता सबूत हो।
जमानत \ is 386 ipc bailable or not
ये एक गैर ज़मानती अपराध है इस में किसी को भी आसनी से बेल नहीं मिलती है। अगर किसी पर ये धारा लगी हो तो उसको बैले लिए उच्च न्यालय तक भी जाना पड़ सकता है। इस में पुलिस बिना वारेंट के भी आरोपी को उठा सकती है। इस में समझौते की भी कोई गुंजाइएस नहीं होती।
अगर कोई झूठी 386 धारा लगवा दे तो क्या करें
- अगर किसी पर 386 जी झूठी धारा लग जाती है तो उनको अपनी बेगुनाही के सबूत पेश करने होंगे। और कोर्ट को ये दिखाना होगा की वह भागेंगे नहीं और कोर्ट की प्रक्रिया में शामिल होंगे।
- झूठी धारा लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाइए की उस ने सबूतों को गलत तरीके से पेश किया और झूठे बयान दिए है। ऐसा सिद्ध होने पर गलत धारा लगाने वाले को सजा होगी।
- जहां तक हो सके किसी अच्छे वकील से सलाह लें उन सारी बात सच सच बताए फिर आपके वकील आपको अच्छी सलाह देंगे और जैसे आपको आगे क्या करना चाहिए और कैसे आप इस झूठे केस से बाहर आ सकते है।
यह सब Section 386 IPC In Hindi के बारे में है, हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा। यदि आपको कोई संदेह है तो कृपया बेझिझक हमें टिप्पणी करें। यदि आप पर धारा 386 लगाई गई है तो कृपया यथाशीघ्र अपने स्थानीय वकील से संपर्क करें। वकील मामले में आपका उचित मार्गदर्शन करेगा। अधिक आईपीसी अनुभाग पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट localhindi.com पर जाएं|
FAQ
Q.1 आईपीसी 386 में क्या सजा है | What is the punishment in IPC 386
Ans. आरोप सिद्ध होने पर व्यक्ति को 10 की जेल और जुर्माने हो सकता है।
Q.2 क्या 386 जमानती है \ Is 386 IPC bailable?
Ans. नहीं 386 जमानती नही है जमानत के लिए आपको उच्च न्यायालय तक भी जाना पढ़ सकता है।
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