जब कोई लूट के दौरान किसी को इच्छा से कोई गंभीर चोट देता है तो उस व्यक्ति या गिरोह पर 394 Ipc के अंतर्गत केस दर्ज किया जाता है और आगे की कारवाई की जाती है। समय के साथ साथ लूट पाट भी बढ़ती जा रही है लुटेरे हथियारों की मदद से किसी को बड़ी आसानी से लूट लेते है। इन्ही लूटों और डिकैत को रोकने के लिए भारतीय कानून में चोरी और लूट पाट की अलग अलग धाराएं बनाई गई है। अपराध के हिसाब से ही अपराधियों को सजा मिलती है।
हमने पिछले आर्टिकल में और लूटपाट की धाराओं जैसे 398 Ipc के बारे में बताया है आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से लूटपाट की एक और धारा 394 Ipc के बारे में बात करेंगे, हम आपको बताएंगे की ये धारा दूसरी धाराओं से केसे अलग है केसे ये धारा लगती है, अपराधी को क्या सजा मिलती है और जमानत होगी या नहीं और अन्य जरूरी पहलुओं के बारे में बात करेंगे।
क्या है धारा 394 | Section 394 Ipc In Hindi
लूटपाट और डकैती ज्यादातर हथियारों के साथ ही होती है जब कोई डकैती करते समय अपनी इच्छा से किसी को गंभीर चोट दे देता है या उसके जीवन को ही समाप्त कर देता है तो ऐसा करने वाले अकेले आदमी या गिरोह पर 394 Ipc के अंतर्गत मुकदमा दर्ज होता है और इसी के अनुसार सजा होती है। ये धारा तब लगती है जब पीड़ित को कोई गंभीर चोट या जीवन को खतरा हो। अगर ऐसा न हो तो आरोपियों पर डकैती की और धाराएं लगेगी।
394 Ipc की आवश्यक बातें
- वारदात लूटपाट या डकैती की होनी चाहिए।
- पीड़ित को कोई गंभीर चोट या फिर कोई जीवन को कोई खतरा होना चाहिए।
- अपराध का कोई पुख्ता सबूत होना चाहिए
उदाहरण | Example
अमन बैंक से पैसा निकाल कर गाड़ी से अपने काम पर जा रहा था बैंक से निकलते ही कुछ लुटेरे उसका पीछा करते है और एक सुनसान जगह उसे घेर लेते है। और उसे गाड़ी से घसिट कर बाहर निकालते है और उस से पैसों का बाग छीनने की कोशिश करते है पर वो बाग नही देता जिस से एक लुटेरा उसे चाकू मार देता है और बैग ले कर भाग जाते है ये सब वारदात पास लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो जाती है। इस हमले में अमन को बहुत गंभीर चोट लग जाती है और वो बहुत मुस्किल से जिंदा बच पाता है। उन लुटेरों की गैंग पर धारा 394 लगी और 10 साल कठोर कारावास की सजा हुई।
धारा 398 खतरनाक हथियारों के साथ डकैती की कोशिश
सजा | Punishment in 394 Ipc
जब किसी पर लूटपाट या डकैती करते हुए किसी को गंभीर चोट पहुंचाने का जुर्म साबित हो जाता है और उस पर धारा 394 लगे तो उस व्यक्ति को 10 साल कठोर कारावास या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। यह जज पर निर्भर करता है वो साथ में आरोपी को आर्थिक दंड भी लगा सकते है।
बेल | is 394 ipc bailable or not
398 आईपीसी का अपराध एक संज्ञेय अपराध की क्षेणी में आता है जिस की कोई जमानत नहीं है। और ये फर्स्ट क्षेणी के जज के पास विचारणीय है। और इस अपराध का कोई समझौता नहीं होता है।
114 Ipc किसी को किसी के प्रति भड़काना
यह सब Section 394 IPC In Hindi के बारे में है, हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा। यदि आपको कोई संदेह है तो कृपया बेझिझक हमें टिप्पणी करें। यदि आप पर 394 ipc लगाई गई है तो कृपया यथाशीघ्र अपने स्थानीय वकील से संपर्क करें। वकील मामले में आपका उचित मार्गदर्शन करेगा। अधिक आईपीसी अनुभाग पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट localhindi.com पर जाएं|
FAQ
Q1. धारा 394 कब लगती है? When is Section 394 imposed?
Ans. जब कोई डकैती करते समय अपनी इच्छा से किसी को गंभीर चोट दे देता है या उसके जीवन को ही समाप्त कर देता है तो ऐसा करने वाले अकेले आदमी या गिरोह पर 394 Ipc के अंतर्गत मुकदमा दर्ज होता है
Q2. धारा 394 में जमानत कैसे मिलती है? How to get bail under section 394
Ans. 398 आईपीसी का अपराध एक संज्ञेय अपराध की क्षेणी में आता है जिस की कोई जमानत नहीं है
Q3. धारा 394 में कितनी सजा मिलती है ? How much punishment is given under section 394
Ans. 10 साल कठोर कारावास oया आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। यह जज पर निर्भर करता है वो साथ में आरोपी को आर्थिक दंड भी लगा सकते है।
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