Ancestral property Rights बहुत जरुरि है ।आज भी संपत्ति को ले कर के हर घर में झगड़े रहते है। ये झगड़े और भी बढ़ जाते है जब बात पैतृक संपत्ति की हो। बहुत सारे लॉ पास ही चुके है ancestral property के लिए पर फिर भी लोगों में बहुत भ्रांतियां और गल्टफामियां है। ये भ्रांतियां है जैसे की पुत्र को कितना मिलेगा पुत्री को कितना मिलेगा। आज हम आपको बताएंगे Ancestral property Rights जो बेसिक अधिकार है सब के। आज हम localhindi ब्लॉग के माध्यम से इन अधिकार के बारे में बताएंगे। तो चलिए डिस्कशन शुरू करते है।
सबसे पहले हमे ये जानना जरूरी है की संपति कितने प्रकार की होती है।
Types of property। संपत्ति के प्रकार
- Ancestral property पैतृक संपत्ति
- Self acquired property स्व अर्जित भूमि
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Ancestral property | पैतृक संपत्ति
ये वो भूमि होती है जो हमे 3 या उसे से ज्यादा पीढ़ियों से प्रॉपर्टी आगे मिलती रहती है या चलती रहती है बिना किस वसीयत के उसे पैतृक संपत्ति कहते है। उधारहन के लिए एक मकान मेरे परदादा ने मेरे दादा को दिया फिर वो में मेरे पिता जी को मिला fr बाद में वो मकान मुझे मिला तो ये में मेरी पैतृक संपत्ति हुआ। इस संपत्ति में में मेरी आने वाले बच्चों का भी जन्म से ही अधिकार होगा। आसान शब्दों में कहें तो जो भूमि पीढ़ी दर पीढ़ी बिना किसी कागजी कारवाही के ट्रांसफर हो रही है वो Ancestral property है।
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Self acquired property l स्व अर्जित भूमि
ये वो संपति होती है जिस को कोई वयक्ति स्वय अपनी महन्त से खरीद के बनाता है। केसे की में किसी दूसरी जगह भूमि खरीद के खुद के लिए घर बनाता हूं। तो ये घर मेरी self acquired property हुई। इस संपत्ति में तब तक किसी का कोई अधिकार नही हुए जब तक में खुद किसी को इस प्रॉपर्टी को वसीयत या गिफ्ट में नहीं दे देता। आसान शब्दों में कोई प्रॉपर्टी जब कागजी कारवाही के ट्रांसफर होती है वो self acquired property होती है|
when ancestral property becomes self acquired। as per Ancestral property Rights| कब पैतृक सम्पत्ति स्व अर्जित भूमि में बदल जाती है।
जब कोई पैतृक संपति को किसी को वसीयत या गिफ्ट लिख के देता है तो वो संपति पैतृक से बदल के स्व अर्जित भूमि हो जाती है। उदारहन के लिए एक पैतृक संपत्ति मेरे परदादा जी ने मेरे दादा जी को दी और जब वो संपति मेरे दादा जी ने मेरे पिता जी को देते समय वसीयत बना के दी तो उस केस में पैतृक संपति बदल कर स्व अर्जित भूमि बन गई। तो इस भूमि पर मेरा कोइ आधिकार नहीं रहा जब तक मेरे पिता जी खुद मुझे वो संपति नही दे देते।
Ancestral property Rights। पैतृक संपत्ति के अधिकार
Supreme court judgments on ancestral property
- From birth You have right in ancestral property। जन्म से ही आपका पैतृक संपत्ति पर आधिकार है। इस में भी एक कंडीशन जैसे मेरे दादा जी ने वसीयत लिख के मेरे पिता जी को प्रॉपर्टी दी मेरे बच्चो का जन्म से अधिकार तब होगा अगर मेरे बच्चे मेरे दादा जी की मृत्यु के पहले पैदा हो गए हो। अगर मेरे बच्चो का जन्म मेरे दादा जी की मृत्यु के बाद होता है तो उनका जन्म से इस संपत्ति पर कोई अधिकार नही होगा।
- Rights of girls in Ancestral property। बेटियों का पैतृक संपति में आधिकार : हिंदू उतर्धिकार कानून 2005 के तहत पुत्रियों का पैतृक संपत्ति में बराबर का अधिकार है। इस कानून के बाद बहुत से केस कोर्ट के पास आए की जिनके पिता की मृत्यु 2005 के पहले ही चुकी है उन बेटियों का भी क्या पैतृक संपति में आधिकार है। बाद में कोर्ट ने साफ किया की चाहे पिता की मृत्यु 2005 से पहले या बाद में हुई है फिर भी बेटियों का पैतृक संपति में बराबर का अधिकार है।
- All partner’s concern is must if you want to sell your part of property:- इस नियम के अनुसार अगर आपको अपना हिस्सा प्रॉपर्टी में से बेचना है तो सभी हिसदारों की सहमति जरूरी है क्योंकि पैतृक संपति में किसी का कोई हिस्सा निर्धारित नही होता है।
- Approach civil court and file partition suit इस नियम के अनुसार आपको अपने हिस्से के लिए कोर्ट में पार्टीशन सूट डालना पड़ेगा। जिस से कोर्ट प्रॉपर्टी में अपका हिस्सा निर्धारित करेगा।
इसके अलावा आप सभी प्रॉपर्टी हिस्सेदार एक family memorandum भी साइन कर सकते जिस में आप सहमति से सभी अपना हिस्सा निर्धारित कर ले और इस में आप लिख दे की आपको भविष्य में कोई झगड़ा नहीं चाहिए।
5. Anyone is free to go in court for the ancestral property / कोई भी कोर्ट जा सकता है| Ancestral property Rights के अनुसार आप अपने शहर का सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया सकते है पैतृक संपति के मामले में।
Time limit to claim ancestral property
पैतृक संपत्ति को क्लेम करने की समय सीमा 12 साल है। यह समय सीमा बड़ाई जा सकती है अगर आपके पास कोई अच्छी जस्टिफिकेशन हो की आप क्लेम करने के लिए लेट क्यों हुए। तो इस स्टेटमेंट के आधार पर कोर्ट time limit to claim ancestral property को बड़ा देगा।
Ancestral property rights grandchildren | Ancestral property Rights
ancestral property ये वो भूमि होती है जो हमे 3 या उसे से ज्यादा पीढ़ियों से प्रॉपर्टी आगे मिलती रहती है या चलती रहती है बिना किस वसीयत के उसे पैतृक संपत्ति कहते है। उधारहन के लिए एक मकान मेरे परदादा ने मेरे दादा को दिया फिर वो में मेरे पिता जी को मिला fr बाद में वो मकान मुझे मिला तो ये मेरी पैतृक संपत्ति हुआ। इस संपत्ति में में मेरी आने वाले बच्चों का भी जन्म से ही अधिकार होगा।
From birth You have right in ancestral property। जन्म से ही आपका पैतृक संपत्ति पर आधिकार है। इस में भी एक कंडीशन है जैसे मेरे दादा जी ने वसीयत लिख के मेरे पिता जी को प्रॉपर्टी दी मेरे बच्चो का जन्म से अधिकार तब होगा अगर मेरे बचे मेरे दादा जी की मृत्यु के पहले पैदा हो गया हो। अगर मेरे बच्चो का जन्म मेरे दादा जी की मृत्यु के बाद होता है तो उनका जन्म से इस संपत्ति पर कोई अधिकार नही होगा ये Ancestral property rights grandchildren है ।
How to sell own part from ancestral property in India
अगर आप अपनी पैतृक भूमि में से अपना हिस्सा बेचना चाहते है तो इस में आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्युकी पैतृक संपत्ति में किसी का कोई भी हिस्सा निर्धारित नहीं होता है। इसके लिए या तो आप कोर्ट में partition suit फाइल कर सकते है। जिस से कोर्ट आपका प्रॉपर्टी में एक पार्टकुलर हिस्सा निर्धारित कर सकते है।
अगर आप कोर्ट में नहीं जाना चाहते तो आप इसके अलावा आप सभी प्रॉपर्टी हिस्सेदार एक family memorandum भी साइन कर सकते जिस में आप सहमति से सभी अपना हिस्सा निर्धारित कर ले और इस में आप लिख दे की आपको भविष्य में कोई झगड़ा नहीं चाहिए। ये मैथड कोर्ट से भी approved हैं जिस में कोई फीस भी नहीं लगती।
ये है Ancestral property Rights अगर आपको अभी भी कोई सासंय है तो आप हमे contact कर सकते है। अगर आप RTI act 2005 जानना चाहते है तो आप हमारी वेबसाइट पर जा सकते है आपको वहां हिंदी में अच्छे से समझाया जायेगा।
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